Saturday, July 12, 2014

चलो आज आसमान की गहराई देखें

चलो आज आसमान  की गहराई देखें
किसी फ़कीर की हद-ए-शहंशायी देखें

चलो आज आसमान  की गहराई देखें

मिटटी इस जहाँ में  है रूह से रोशन
रूह जिससे रोशन वो  नूर-ए-इलाही देखें

चलो आज आसमान  की गहराई देखें

जो वक़्त को कमजोर समझते हैं वो
इतिहास के सीने पे वक़्त की तबाही देखें

चलो आज आसमान  की गहराई देखें

तड़प बरक़रार है सब कुछ पाने के बाद
क्यूँ न अब माँ का आँचल करिश्माई देखें

चलो आज आसमान  की गहराई देखें

हर तरफ है जहर मज़हब के साँपों का
बचने को अब कौन सी नज़र मसीहाई देखें

चलो आज आसमान  की गहराई देखें
किसी फ़कीर की हद-ए-शहंशायी देखें

~ भावार्थ ~

गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनयें !!!


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