Sunday, June 22, 2014

बेवफाई भी उसी से और कशिश भी उसी से है

जहाँ में रौशनी जिससे  तपिश भी उसी से है
बे-इन्तहा ख़ुशी जिससे खलिश भी उसी से है
अजीब सी है मोहब्बत की दास्ताँ सदियों से
बेवफाई भी उसी से और कशिश भी उसी से है

भावार्थ



Saturday, June 21, 2014

कुछ यूँ ही

हम  झुलस चुके हैं इतना कि आह नहीं है
इस दरिआ से उबरने की अब  राह नहीं है
होंसले कांच से बिखर चुके है इसकदर
कुछ कदम पर है मंजिल मगर चाह नहीं है


जहर जो हलक तक है उसके असर से बच
इस टोटके, काले धागे में बंधी नज़र से बच
तू जिस राह पे निकला है वो सच की है
नामुरादों के इरादों और झूठ के कहर से बच

भावार्थ












Sunday, June 15, 2014

हर जीवन का आधार पिता है !!!

हर जीवन का आधार पिता है
शक्ति सा निराकार पिता है
माँ का तो संसार है बच्चा
पर हर बच्चे का संसार पिता है

बचपन की नांदनी मांफ करे
लड़कपन के  दोष छांटें वो
बढ़ती उम्र के बढ़ते दर्द
इक सच्चे दोस्त की तरह बांटे वो

कुछ इस तरह का फनकार पिता है
हर   जीवन   का  आधार   पिता है
शक्ति सा   निराकार   पिता   है

बच्चा माटी तो बनकर कुम्हार
अपने अंश को साँचे में ढाले वो
धुप चढ़े तो  बनकर वृक्ष
हमको निर्मल छाया में  पाले वो

कुछ इस तरह का चमत्कार पिता है
हर जीवन   का आधार   पिता है
शक्ति   सा   निराकार   पिता है

हर रोज तुम्हारे हाल जो पोछे
पर  अपना दर्द न बताये वो
हमारे अधिकार का बोझ वो ढोता
पर अपना अधिकार न जताये वो

कुछ इस हद तक खुद्दार पिता है
हर   जीवन का   आधार पिता है
शक्ति   सा   निराकार   पिता है

भावार्थ 

Happy Father's Day !!!