Wednesday, August 26, 2015

करार भी तेरा बेक़रार हो जाए

मेरे इश्क़ का  जुनूँ ऐसा है
करार भी तेरा बेक़रार हो जाए

मय की तासीर है इतनी
असर भी तेरा बेअसर हो जाए

मेरी नज़र इस तरह देखेगी
शर्म भी  तेरी बेशर्म हो जाए

कुछ बात तो है उसकी बात में
जुबान बड़ों की बेजुबान हो जाए

भावार्थ
२५/०८/२०१५




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